Thursday, 1 March 2018

मेरे अपने



आज आसमान मुझे देख रहा है, 
सितारें कुछ ज्यादा चमक रहे हैं, 
मेरे अपने जो उनमें बसे  हैं!
शायद वहां रहकर खुश है!

पीछे रहना बड़ा मुशिकल काम है!
रोना चाहकर भी हसना पड़ता है,
सिर्फ यादोंमें जीना पड़ता है,
मेरे अपने जो मुझे देख रहे हैं!

आप वहां खुश रहें यही मनोकामना है
हमें देखते रहे यही आशा है
हमें छोड़कर जाना शायद होना ही था
लेकिन आप हमें अधूरा छोड़कर चले गए! 

It's not that complicated!

If you doubt when all seems great,   Know what you see, can be manipulated! Truth is always stranger than fiction,  Because your gut can sen...